आदरणीय श्री मांगेराम गर्ग जी का जन्म 23 नवम्बर 1936 को हरियाणा के कुराड़ गांव में श्रीमती गुलाब देई एवं श्री जगन्नाथ गर्ग जी के परिवार में हुआ था। 1957 में उनका विवाह श्रीमती अंगूरी देवी से हुआ। श्री मांगेराम गर्ग के 5 पुत्र, 1 पुत्री व 10 पौत्र-पौत्रियों, 5 प्रपौत्र एवं 1 प्रपौत्री समेत एक बड़ा एवं संयुक्त परिवार है । श्री मांगेराम गर्ग की तरह ही उनका परिवार भी राजनैतिक, सामाजिक, धार्मिक व व्यापारिक गतिविधियों से जुड़ा हुआ है। श्री गर्ग के जीवनकाल से ही उनके पुत्र अनेक धार्मिक यात्राओं जैसे कॉवड़ यात्रा, अमरनाथ यात्रा, श्री कैलाश मानसरोवर यात्रा, श्री सिंधु दर्शन यात्रा आदि से जुड़े हैं। 1987 में उन्होंने निष्काम सेवा ट्रस्ट (हरिद्वार) का गठन कर एक बहुत सुंदर धर्मशाला का निर्माण करवाया। इस धर्मशाला में आज भी यात्रिओं की सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा जाता है।
उन्हें निःशुल्क भोजन प्रसाद ग्रहण कराया जाता है तथा प्रतिदिन लगभग 200 साधुओं को भोजन कराया जाता है। श्री गर्ग 1992 में आजीवन गौरक्षा आंदोलन एवं गौ सेवा समितियों से जुड़े रहें। आदर्श रामलीला कमेटी से आदर्श सामुहिक विवाह समिति बनवाकर आर्थिक रूप से कमजोर कन्याओं का सामुहिक विवाह प्रत्येक वर्ष करवाने का संकल्प लिया जो आज भी निर्विवाद एवं निर्विघ्न रूप से चल रहा है। एक विधायक के रूप में अपने क्षेत्र में उन्होंने एक अस्पताल, 3 सामुदायिक भवन एवं अनेक पार्कों का निर्माण करवाया। वे समाज के विकास व उत्थान के अनेक कार्य समय - 2 पर करते रहे। श्री गर्ग ने अपने निवास क्षेत्र में महाराजा अग्रसेन पब्लिक स्कूल के निर्माण के लिए धन संग्रह संयोजक के रूप में धन एकत्र किया व एक उत्कृष्ठ विद्यालय के निर्माण में अपनी महत्पूर्ण भूमिका निभाई । अशोक विहार फेज-2 में आदर्श शिक्षा संस्थान के द्वारा प्राथमिक विद्यालय का निर्माण करवाया।
श्री मांगेराम गर्ग जी डी.डी.ए. अथॉरिटि मेम्बर के रूप में दिल्ली के विकास एवं रूप परिवर्तन हेतू विदेश यात्रा की जिसमें वे जर्मनी, ब्राज़ील, ग्रीस, तुर्की, इजिप्ट आदि स्थानों पर गए। श्रीराम जानकी विवाह हेतू नेपाल व श्रीराम यात्रा की खोज एवं अशोक वाटिका में राम दरबार की स्थापना में श्रीलंका की यात्रा की। 1949 में अपने मामा प्यारेलाल जी के मार्गदर्शन में वे राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के स्वयंसेवक बन गए थे। श्री गर्ग ने राजनिति में अपना एक विशेष योगदान दिया। श्री मांगेराम गर्ग जनसंघ के बूथ कार्यकर्ता के स्तर से अनेक इकाइयों से होते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के पद तक पहुंचे।
13वें लोकसभा चुनाव में भाजपा को दिल्ली में सातो सीटों पर विजय दिलाई। 1975 में अशोक विहार में आदर्श धर्मार्थ ट्रस्ट का सदस्य बनकर श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर का भव्य निर्माण करवाया तथा इसी कड़ी में आदर्श रामलीला कमेटी के द्वारा अशोक विहार-2 में रामलीला मंचन आरंभ करवाया। 1992 में वे श्रीराम जन्म भूमि पर गए। श्री अशोक जी सिंघल की प्रेरणा से धर्मयात्रा महासंघ नामक संस्था का गठन किया जिसका प्रमुख कार्य भारतवर्ष के तीर्थो का बचाव, पुर्नउद्धार व विकास था, क्योंकि उनका देह वाक्य था' भारत की आत्मा तीर्थो में वास करती है, तीर्थो का विकास भारत का विकास'। धर्मयात्रा महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में न केवल कांवड बल्कि कैलाश मानसरोवर यात्रा में यात्रिओं की सेवा एवं आवश्यक साधन जुटाने में सहायता का कार्य भी किया। वर्ष 1996 में श्री गर्ग ने दिल्ली में छठ पूजन को उत्सव के रूप में प्रारंभ करवाया।
बिहार के अनेक क्षेत्रों से आए भक्तगण दिल्ली में छठ पूजा करते थे, परंतु घाटों की स्थिति अत्यंत दयनीय होने के कारण वे पूजा नहीं कर पाते थे। वर्ष 1997 में उन्होंने सिंधु दर्शन व पूजन यात्रा का आयोजन किया जिससे सिंधु के साथ - 2 भारत व विश्व में फैले सिंधी समाज को जोड़ लद्दाख क्षेत्र में विकास कार्य आरंभ हो सके।
श्री मांगेराम गर्ग ने सबके प्रिय बाऊजी के रूप में अपना जीवन बिताया। कोई कार्यकर्ता चाहे छोटे से छोटे स्तर का हो, यदि उन्हें अपने कार्यक्रम में आंमत्रित करता, तो चाहे कार्यक्रम कितना ही दूर हो, और चाहे वे कितने ही अस्वस्थ हों, फिर भी वे उनके कार्यक्रम में पहुँचते क्योंकि उनका मानना था कि कार्यकर्ता की भावनाएँ सर्वोपरि है, और इससे कार्यकर्ता का मान भी बढ़ता है। अपनी ऊँची सोच और समाजसेवा की भावना को उन्होनें मरणोपरांत अपनी देहदान कर जीवंत रखा। श्री मांगेराम गर्ग का जीवन अत्यंत प्रेरणादायक है